Which artisans do you need to build houses?

घरों के निर्माण के लिये आपको कौन कौन कारीगरों की जरूरत होती है ?

किसी इमारत को बनाने के लिए प्रयोग होने वाले कौशल वास्तु सेवाओं में आते है | इसमें इमारत की नीव से ले का इमारत को सजाने तक की सभी सेवाएं आती है |

1.      पत्थर की चिनाई (Stone Masonry ) :

किसी अपारिकृष्ट पत्थर की कारीगरी कर उसे परिशुद्ध रूप में लाना और फिर उन पत्थरों को गारे की मदद से जोड़कर किसी संरचना का आकर देना चिनाई कहा जाता है | इसको करने के लिए विशेष कौशल की जरूरत होती है | इसमें कई कौशल होते हैऔर हर एक काम को करने के लिए अलग अलग कारीगर होते है | घरों को बनाने के लिए हमेशा कुशल कारीगर हीसे बनवाना चाहिए | घर बनाने के लिए निम्नलिखित कुशल कारीगरों की आवश्यकता होती है | 

·        दीवारों की चिनाई करने वाला ( fixer Mason )

·        शिलालेख लिखने वाला ( Memorial Mason )

·        पत्थरों के छोटे छोटे टुकड़ों से बड़ा पत्थर बनाने वाला ( Rubble Mason )

·        चौकोर पत्थर काटने वाला (Ashlar Mason )

 

2.      ईंटें बिछाना (Brick Laying) :

दीवार खड़ी  करना एक कला | इसके लिए कुशल कारीगर होना अति आवश्यक होता है क्योंकि इसमें यह ध्यान देना पड़ता है कि दीवार को बनाने के लिए किस तरह का अनुबंध होना चाहिए | 

 

3.      कैबिनेट बनाना (Cabinet Making): इमारत का फर्नीचर बनाना जैसे घरों की अलमारी इत्यादि घर के सामान को रखने केलिए कामआतेहै | कैबिनेट बनाने वाले व्यवसायिक तथा घरेलु इमारतों में काम करते है | इसके लिए उनको कुशल तथा परिपक्क होना चाहिए | कैबिनेट नानाने वाले के काम की गुणवत्ता निम्नलिखित कार्यों से पहचानी जाती है | 

·        लकड़ी तथा दूसरे  पदार्थों का चयन 

·        लकड़ी विशेषता के अनुसार उसे सही  प्रयोग करना 

·        बनाने की तकनीकि जिससे फर्नीचर की गुडवत्ता में निखार होताहै | 

·        वेनीर का चयन 

·        फर्नीचर की दिखावट 

4.      कारपेन्टरी:

कारपेंटरी के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य होते है : 

·        व्यावसायिक तथा घरेलु काम के लिए उपयोग होने वाले लकड़ी के पुर्जों का माप लेना तथा उसके अनुसार उसकी काट-छाट जैसे फर्स छत तथा किवाड़ तथा खिड़कियां |

·        निर्माण  कार्यहेतुछत ,दीवार के लिए कंक्रीट कार्य के लिए स्वरूपों का निर्माण 

·        ऐसे पुर्जों को लगाना जो इमारतों के बाहर दीवार तथा छतों पर प्रयोग होते है |

5.      कंक्रीट का निर्माण कार्य :

इस कार्य को योजना एवं समय बद्धतरी केसे धैर्य पूर्वक करना पड़ता है | अच्छी कारीगरी के लिए इसको ध्यानपूर्वक परिशुद्ध एवं सूक्ष्म रूप  से करना पड़ता है क्योंकि इस में गलतियों को सुधार ने की कोई गुंजाइश नहीं होती है| 

 6.      इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन: 

हर व्यक्ति एक अच्छा और सुरक्षित घर बनाना चाहता है ,जोकि बिना विद्युत्सुरक्षा केअधूरा होता है |भारत में अकसर हम घरों की दीवारें मजबूत हो इस पर हम विशेष जोर देते है लेकिंग बिजली करण पर लापर वाही बरतते हैं , जो बहुत बार घातक सिद्ध हुआ है | NCRB (राष्ट्रीयअपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ) की 2015 की  एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 663483 अप्राकृतिक दुर्घटनाएँ दर्ज की गई जिसमें 3%  (19904) बिजली के कारण हुई है | इसी प्रकार सन  2014 में 9606 दुर्घटनाएं बिजली के कारण हुईं |

अतः सही एवं सुरक्षिततरी के से बिजली का कार्य करना बहुत आवश्यक हो जाता है | इसको करने के लिए एक अच्छा  कुशल इलेक्ट्रीशियन होना अति आवश्यक है | 

7.      जाइनरी: 

जोइनर ज़्यदातर वर्क शॉप में अपना काम करता है क्योंकि इसके लिए खास मशीनों की आवश्यकता है | जोइनर इमारतों में जाकर माप लेकर आता है और उसी हिसाब लकड़ी काटता है और जॉइंट तैयार करता है | फिर इमारतों में जाकर उच्च कोटिका कार्य करता है | इसके लिए उसे एक कुशल कारीगर होना पड़ता है | 

 

8.      लैंडस्केप गार्डनिंग : इसके अंतर्गत शहरी विकास योजना , उद्यानों को विकास , घरेलु इमारतों तथा व्यावसायिक इमारतों में लड स्केपिंग इत्यादि आता है | 

इसको डिज़ाइन करने के लिए बहुत ही ख़ास कुशलता चाहिए | इसके डिज़ाइन करते समय वहां की जलवायु ,किस तरह की तलहटी है अपर ध्यान देना पड़ता है | मिट्टी की गुडवत्ता तथा सिंचाई के साधन इत्यादि को अच्छी तरह व्यवस्थित करना पड़ता है | 



  9.      पेंटिंग एवं  डेकोरेशन: 

घरों की दीवारों को सजाना हो या उनकी रौनक बढ़ानी हो तो रंगो का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है | इतना ही नहीं रंग दीवारों को प्राकृतिक प्रकोपों से भी बचते है | 

घरों के लिए रंगो(पेंट) का चुनाव करते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है | यह काम बहुत ही बारीकी तथा धैर्य के साथ करना पड़ता है | इस कार्य को करने के लिए एक कुशल पेंटर के आवश्यकता होती है | इस कार्य में ऊंचाई से सुरक्षा  देना होता है|

10.  प्लास्टरिंगऔर  ड्राईवाल प्रणाली :

आधुनिक तकनीकि में ड्राईवाल प्रणाली का प्रयोग  होताहै | इसमें कारीगर को पहले  धातु के फ्रेम बनाने  पड़ते है और प्लास्टर बोर्ड को स्थापित करना पड़ता है | इस तरह के निर्माण बहुत जटिल होते है क्योंकि इनमे दरवाजे और खिड़कियों के लिए वक्रत थाछिद्र छोड़ने पड़ते है | 

 

प्लंबिंगऔर  हीटिंग : प्लंबिंगऔर हीटिंग को निम्नलिखित मुख्य वर्गों में बांटा गया है | 

1.      ठन्डे तथा गर्म पानी कीआपूर्ति 

2.      प्लंबिंग तथा जल निकास प्रणाली 

3.      सीवेज तथा सेप्टिक प्रणाली 

4.      वर्षा के पानी के निकास के व्यवस्था 

5.      ईंधन के पाइप लाइनों की व्यवस्था 

उपरोक्त कार्यों को करने के लिए कुशल तथा प्रशिक्षित कारीगरों की आवश्यकता होती है | 

इन सेवाओं अलावा भी बहुत सी सेवाएं वास्तु सेवाओं के अंतर्गत आती है जैसे : 

1.      रेफ्रिजरेशन तथा एयर कंडीशनिंग : 

2.      दीवारऔर फ्लोर टाइलिंग: 

Easy Nirman Construction was Never Easy Before Us

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